Thursday, May 16th, 2024

800 से अधिक वेंडर, एक स्टाम्प बेचने में लग रहे 20 मिनट

जयपुर,
 स्टांप बिक्री में पारदर्शिता लाने के लिए खरीद प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है। जयपुर में इसकी शुरुआत एक अप्रेल से कर दी गई है लेकिन शहर के अधिकतर वेंडर इस नई व्यवस्था के पक्ष में नहीं हैं। इसका सबसे कारण यह सामने आ रहा है कि मोबाइल ऐप के जरिए स्टाम्प बेचने में 20 मिनट तक लग रहे हैं। ऐसे में वेंडर्स के साथ आम लोग भी परेशान हो रहे हैं।

ऑनलाइन खरीद प्रक्रिया के दौरान नेटवर्क और ऐप का सर्वर डाउन होने के कारण प्रक्रिया में ज्यादा देरी हो रही है। इसका खमियाजा यह है कि शहर के 800 वेंडर्स में से 25 फीसदी ही ऑनलाइन स्टाम्प बेचने का काम कर पा रहे हैं। शेष प्रक्रिया के विरोध में हैं। ऐसे में स्टाम्प की बिक्री भी कम हो गई है। दरअसल, स्टाम्प खरीदने वाले की फोटो आधार कार्ड के साथ ऐप में खींची जा रही है। इसके साथ ही क्रेता की सभी जानकारी ऐप में फीड करनी होती है।

वेंडर्स के सामने ये दिक्कत

शहर में 800 वेंडर्स में से 60 फीसदी उम्रदराज हैं। यानी वे वर्षों से स्टाम्प बेचने का काम कर रहे हैं। इनमें से कई स्मार्टफोन का इस्तेमाल भी नहीं करते। ऐसे में ये वेंडर्स मोबाइल पर स्टाम्प ऑनलाइन नहीं बेच पा रहे। इनकी मांग है कि रजिस्ट्रर में ऑफलाइन रिकॉर्ड रखकर बाद में मोबाइल में फीड कर दिया जाए।
फायदा यह

स्टाम्प बेचने की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है। इसका बड़ा फायदा यह है कि स्टाम्प बैकडेट से नहीं बेचे जा सकते। स्टाम्प खरीदने वाले रिकॉर्ड ऑनलाइन फीड किया जाएगा। इसमें किसी तरह का फर्जीवाड़ा नहीं हो सकता।
यह हो रहा असर

लोगों को आसानी से स्टाम्प नहीं मिल पा रहे हैं। सबसे अधिक समस्या कलक्ट्रेट में हो रही है। यहां पर 50 से अधिक वेंडर हैं, जिनमें से अधिकतर ने काम बंद कर रखा है। ऐसे में रजिस्ट्री, मूल निवास, जाति प्रमाण, ईडब्ल्यूएस सहित अन्य प्रमाणपत्रों में समस्या हो रही है।
सरकार ने नई व्यवस्था तो शुरू कर दी लेकिन इसमें कुछ छूट भी देनी चाहिए। रजिस्ट्री के काम में भी स्टाम्प की कमी हो रही है। -अखिलेश जोशी, महासचिव, दी डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट बार एसोसिएशन
एक स्टाम्प को देने में 20 मिनट लग रहे हैं। अगर नेटवर्क और सर्वर की दिक्कत आ जाए तो 30 से 45 मिनट लग जाते
हैं। इससे स्टाम्प के लिए लोगों को परेशानी हो रही है। हमें स्टाम्प ऑफलाइन बेचने की भी छूट देनी चाहिए। –महेश झालानी, सचिव, राजस्थान लाइसेंस स्टाम्प वेंडर एसोसिएशन

 

Source : Agency

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